नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद, ह्यूमन एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी वाराणसी, माय ड्रीम लाइफ फाउंडेशन जमशेदपुर एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टडीज सिवान, बिहार के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय युवा संवाद’ (नेशनल यूथ डायलाग) के अंतिम सत्र का आयोजन रविवार को ऑनलाइन ज़ूम प्लेटफार्म पर किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल चर्चित अंबेडकरी आदिवासी लेखक-विचारक और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार सुमन ने कहा कि स्त्री-पुरुष में भौतिक आधार पर नहीं मानसिक आधार पर फ़र्क किया जाता है और वर्चस्व के लिए ये फर्क किया जाता है तो इसमें परिवर्तन करना होगा। स्वच्छ लोकतंत्र की स्थापना के लिए प्रश्न पूछने की संस्कृति का विकास जरुरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के सामाजिक बहिष्करण एवं समावेशी नीति अध्ययन केंद्र के सहायक निदेशक डॉ. अमरनाथ पासवान ने की। उन्होंने कहा कि देश में स्वतंत्रता, समानता, बंधुता एवं सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए युवाओं का सार्थक संवाद में हिस्सा लेना जरुरी है।
धनबाद की शिक्षिका प्रोतुषा मुखर्जी ने “लैंगिकता का युवा समाज पर प्रभाव” विषय पर अपनी बात रखी और बताया कि आज के समय में अगर महिलाओं की समस्या पर बात हो रही तो इसका मतलब है कि समाज में कुछ तो कमी है। दहेज जैसी चीज़ें आज भी महिलाओं को दबाने के लिए प्रयोग में आ रही हैं जिनमें परिवर्तन की आवश्यकता है।
पश्चिम बंगाल की शिक्षिका पूजा गौतम ने “वर्तमान परिदृश्य में लैंगिक संवेदनशीलता” विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि स्त्री-पुरुष दोनों एक समान है तो दोनों की अस्मिता और अधिकार भी समान हो। इसकी शुरुआत घर से, परिवार से, शिक्षा के माध्यम से करनी होगी। सिर्फ क़ानून एवं परोपकारी योजनाओं से महिलाओं की समस्या का समाधान नहीं हो सकता, इसके लिए मनोवृति में परिवर्तन जरुरी है।
कार्यक्रम का संचालन नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी, धनबाद के संयुक्त सचिव व धनबाद के शिक्षक मिथलेश दास, स्वागत भाषण एनआरडीएस धनबाद के सदस्य जितेंद्र देवगम, परिचय भाषण आरएसपी कॉलेज झरिया धनबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रो. रामचंद्र कुमार, आशीर्वाद भाषण डॉ. तनवीर युनुस एवं धन्यवाद ज्ञापन एनआरडीएस धनबाद के तकनीकी सहायक अजय कुमार रवानी ने किया।
“भारत में उभरती लिंग संबंधी चिंताएँ” विषय पर परिचर्चा के साथ हुआ ‘राष्ट्रीय युवा संवाद’ का समापन